कीर्ति शेष

*स्वर्गीय श्री मुरार दान जी नांदिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर मायड़ भाषा की प्रमुख पत्रिका माणक में प्रकाशित आलेख*

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     *बागी सूं वीतरागी बणण वाळा अनुरागी इंसान श्री मुरार दान नादिया।* 


*सत्पुरुषां को जीवणो, थोड़ा ही भलाहं....!* मायड़ भाषा में रचियोडी या उक्ति महान व्यक्तित्व अर प्रेरक पुंज आदरजोग मुरार दान नादिया रै जीवण माथै ओपती निजर आवै। ज्यादातर लोग वांने बागी समय री बांता सूं जाणै पण वांरै बहुआयामी व्यक्तित्व में अणगिण उदाहरण भरिया पड़िया है, जका वांनै आखै समाज सारू उपादेय बणावै।वास्तव में वांरी जीवण जात्रा सामीं देखां तो आपांनैं कई रूप दीखै, यथा एक प्रखर विद्यार्थी, एक शोधार्थी युवा, जुनूनी, स्वाभिमान री मरजाद सारूं बणियो एक बागी, एक कुशल दिलेर राजनेता, एक भाषा प्रेमी, एक योगी, एक समाजसेवी सूं लेय एक प्रबल अटूट आस्था राखण वाळो शक्ति उपासक मुरार दान बहुआयामी व्यक्तित्व री झांकी सजायो दीखै।

*जननी जणै तो एह जण, दाता भगत'र सूर।*

*नीं तर रीजे बांझडी, मती गमाजे नूर।।*

स्व.मुरार दान जी में तीनूं गुण भक्त ,दातार अर सूर अणुता रिया। मायड़ भाषा री आगेवाण पत्रिका *माणक* पोथी सारू मुरार दान जी रे जीवन दर्शन माथै एक आलेख खातर डॉ गजादान चारण रो आदेश वियो तो मुरार दान जी रा नादिया ऑफिस री एक भेंट रो चित्राम आंख्या सामी आयगो। ऑफिस रा टेबल माथे मायड़ भाषा री मानता सारुं विधायक, सांसद अर स्थानीय मायड़ भाषा रा कार्यकर्तावां ने आह्वान रा मोतीयां जस्यी लेखनी में लिख्योडा कई पत्रा सुं आश्चर्य व्हियो की इण उमर मे इतरी व्यस्तता वेता थकां आपरे जिला पाटवी रा दायित्व रो निर्वहन घणा मन सुं समर्पण सुं करता। 

कर्तव्य बोध और समर्पण रो ओहिज भाव वांरा जीवन में डग डग माथे दिखे। यो एक तपस्वी रे बस री ही ज बात है। 

मायड़ भाषा रा एक हैताळू री इण अजंसजोग स्मृति सुं वीं महान ऋषि रो परिचय आप पाठकां सामीं प्रस्तुत है।:-

*प्रारंभिक शिक्षा सूं फौजी तांई रो सफर*

मुरारदान जी रो जन्म राजस्थान रा जालौर जिला रा नादिया गांव रा जागीरदार वर्णसूर्य शाखा में 6दिसंबर 1946 रा वियो।आपरा पिताजी गांव रा मानीता पाटवी ठाकुर आईदान सिंह जी अर माताजी ज्ञान कुंवर जी हा वांरो पीहर हाल पाकिस्तान मीठडिया गांव हो। आपरी प्रारंभिक शिक्षा नादिया , भीनमाल सुं शुरू व्ही। कुशाग्र बुद्धि रा धणी युवा मुरारदान ने सेना में भर्ती वे अर देशसेवा रो शोक बचपन सुं हो। इणी ज शौक ने संकल्प बणाता थंका 1963 में आप राजपूताना राइफल्स री इन्फ्रेट्री में प्रादेशिक सेना री 108 वीं बटालियन में भर्ती वे गिया।1965 रा युद्ध में भाग लियो । इणरे बाद में बटालियन , इन्फ्रेट्री में बदल आर्टिलरी री रेजीमेंट बणाई और मुरार दान इरे मांय परमानेंट स्टाफ हुया अर वायुयान पहचानझ रो प्रशिक्षण लियो। भारत री सगळी रेजीमेंट रे मांय

वायुयान पहचान प्रतियोगिता में तीजो स्थान प्राप्त कर आपरी प्रतिभा उजागर किनीं। इणी क्षेत्र में आपरी प्रतिभा ने सात समंदर पार लंदन सु भी प्रशंसा मिली । 


*बागी जीवन*


नियती ने कांइ और मंजूर हो एक प्रखर मेधावी युवा रे जीवन में एकदम उथल पुथल मची और जीवन रा रंगमंच माथे एक होनहार युवक कांई तो परिस्थितियांवश अर कांई आपरे प्रतिद्वंद्वी रा षड्यंत्र सूं केसबाजी में फंस गिया। अर एकर इण मारग चढीयां पछे वो मारग बंदूक थाम अर बागी बणण तक गियो। उणारे इण पक्ष ने घणी लोकप्रियता मिली। फिल्मी दुनिया में राबिन हुड छवि आंपारा लोकजीवन में गांव गांव घर घर स्वीकारी है। शायद इणी ज कारण मुरार दान जी रा दुजोडा काम सुं ज्यादा इण पक्ष ने दुनिया में ज्यादा प्रसिद्धि मिली। अमीर अर भ्रष्ट लोगां सुं धन लूट अर गरीबां में बांट देणो, किण गरीब ,मजबूर, असहाय ने मदद करनी ,औरत अर बाळक माथे हाथ नीं उठावणो ,ये बागी मुरार दान रा नीयम हा। राजस्थान गुजरात पाकिस्तान में मोस्ट वांटेड मुरारदान रा जीवन पे सात पुस्तकां उपन्यास छपिया ये किताबां गुजराती में छपियोडी है। जद मुरार दान बरी हुया तो मिडिया रो तांतो लाग गियो। अखबारां रा मुखपृष्ठ इण रांगड रा इंटरव्यू अर किस्सा सूं अट गिया। बागी मुरार दान रो मजबूरी में पकडीयो इण मारग सुं पाछो सार्वजनिक जीवन में आणो चमत्कार सु कम कोनी है।  

*राजनेता सूं वीतरागी मातृ भक्त, साहित्यकार री जीवन यात्रा*


 *भक्त मुरारदान री या सदा ही मानता रैई कि अपराध री गैहरी खाई सुं निकळ अर इण जीवन में लौट आणो मां करणी जी रो दियोडो नुवो*

*जनम है और आगे रा जीवन रो हर एक दिन हर एक पल मां रे निमित्त समर्पित है*

 और इण संकल्प ने आपरी अंतिम श्वास तक निभायो। भक्त मुरार दान जी रो यो संकल्प हो कि नवरात्र में नव दिन निराहार रेवणो अर मां री पूजा करनी।इण हिज चैत्र नवरात्र में कोरोना रो संक्रमण हुयो। घरवाळा आपरा संकल्प ने आसानी सुं नी डिगा सकिया । तबियत घणी खराब व्हेवा पे आपने सब विनती कर चेकअप करण सांरू लेजावा राजी किया। आपने रवाना वेवता मां करणी रा संवळी रूप दर्शन व्हिया ।जद आप पुजा सुं उठ अर हॉस्पिटल सारूं रवाना हुया। जठा तांई एक ही हठ *यो जीवन मां करणी रो दियोडो बोनस है वा ही राखेली में मारो प्रण नी तोडुं अर निराहार रेऊं* संक्रमण बढतो रियो । जोधपुर एम्स रा डॉक्टर ,कुटुंब जा रा सगळा बंधु संकल्प तोड अर आहार लेवण री बिनती करी पर भक्त मुरार दान पन्द्रह दिन तांई भोजन री थाळी ने नेडी नी कीदी,एक कोर नी तोड़ीयो अरे नी तोड़ीयो आपरो संकल्प। जित्तो जीवन मिल्यो मां रो दियोडो आशीर्वाद समझीयो।इण बात रो संतोष कर अटूट संकल्प, ने निभा अर वो पुत्र आपरी मां री गोद में सदा तांई बैठग्यो। आपरे जीवन में आपरी माँ रो अणूतो प्रभाव हो। जन्मदायिनी माताजी श्रीमती ज्ञानकंवर जी देथी अर परम् आज्ञाकारी पुत्र दोन्यूं मां बेटे री अलौकिक जोड़ी ही। बेटे कदै ही मां री आज्ञा रे टाळ कोई काम कोनी किदो।भले ही कितरो भी बड़ो लाभ हो । मां रे मना करण बाद बिना प्रश्न उणरो पालन करनो वांरो नैम हो। आपरा साधना कक्ष रे मायने भी मां री तस्वीर आराध्या देवी देवतावां रे बीच राखता हा। डकैत सूं सरेंडर मां रे केवतां बिना प्रश्न बंदूक मां रे चरणां मे डाल दी। 

आपरी माताजी मां आवड़ जी व करणीजी जी रा परम् भक्त है । इणाने मां करणी सपने में आर कयो हो क थारे घर री बाड़ में जाळ वेला, विणरे नीचे म्हारी पूजा करजे व जा मैं दिशा बताउं उण दिशा में थारो बेटो है , तू कैई तो वो बंदूक नीचे मेल देवेला सुबह जाल देखता ही माताजी रो मिट्टी रो छोटो सो थान बणा सीधो बेटा रे कने बिना कोई जाणकारी चमत्कार ज्यूं से सीधा पुग गिया। भारी पुलिस लवाजमा रे बीच मां रे केवतां ही बेटे चरणा में बंदूक रख सरेंडर कर दियो। आपरे निवास रो नाम ही पुजारी निवास श्री करनी मंदिर नांदिया है आप पूरा परिवार ने माताजी रा पुजारी माने है।

भक्त मुरार दान रो यो रूप दो साल पैली भी दिखियो जदी आप खुद ने एक कक्ष में आठ महीना ताईं बंद कर माताजी रा सवा करोड़ जाप कर एक विराट सम्मेलन राखियो। माताजी रा अनन्य भगत मुरारदान रा आमन्त्रण सुं हजारों लोग एकत्र विया।दो दिवसीय सम्मेलन में भेळी व्ही नात गंगा रा दर्शन अर भव्य स्वागत व्यवस्था री चर्चा आज भी लोग याद कर उणारी स्वजातीय सेवा भावना ने नमन करे। इणीज मौका पर अमर क्रांतिकारी ठाकुर केसरी सिंह बारहठ रे नाम री कॉलोनी, स्मारक आपरे कुलपरूष भादाजी वर्णसूर्य री प्रतिमा रो लोकार्पण आई श्री देवल मां अखिल भारतीय चारण गढवी महासभा रा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सी डी देवल,ओंकार सिंह लखावत साहब, स्थानीय विधायक अर जनप्रतिनिधि रे कर कमलां सु करा अर आपरे महापुरुषां रे कानी फर्ज पुरो कर उणारी स्मृति ने आपरे गांव में अमर किन्हीं। आप री राजनीति यात्रा एक छत्र प्रभाव राखती ही। भीनमाल रा प्रधान बणिया बाद आपरे क्षेत्र में सरपंच प्रधान बणन ने आपरी भुमिका रेवती। पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत, वसुंधरा राजे अर कैई राजनेता आपरे व्यक्तित्व सुं प्रभावित हा।लारले बरसां आप चाळकना मंदिर रा निर्माण अर विकास सारूं लगातार आपरो तन मन धन सुं समर्पित व्हे अर माँ रे धाम मांय निरंतर सक्रिय रूप सुं समर्पित रिया।पण विधि ने सेवट और ही मंजूर हो और आपरे अति स्नेही ने ईश्वर झट बुलावे युं भी मानता की जावे। स्वर्गीय मुरारदान नादिया भौतिक रूप सुं आपारे सागे भळे ही नीं है पण वांरो बहुआयामी व्यक्तित्व अर समर्पण आंपाने सदैव प्रेरित करतो रेवे ला। इणी भावना साथे सादर पुण्य स्मरण साथे शत् शत् नमन्।

महेंद्र सिंह चारण

चारणत्त्व पत्रिका

संपादक, , 9983921903

उदयपुर

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