अवल करूँ माँ आरती, भगती रख मन भाव।। 
कर द्वी जोड़ करनला,  छतर  करैली    छांव।।

  सिमरूँ नित उठ करनला, माँ मोटी जग माय।। 
सुख दुख में रख सांतरा, सरणागत कर साय।।  

दाल़द मेट्यौ देखलौ, धरणी राख्यौ ध्यान।। 
भगतां  पूरी भावना, सगती कियौ सम्मान।। 

 कुछ तो कर माँ करनला,पसर्यो धर हद पाप।। 
डोल़ै डसिया  डाकिड़ा,अवनी मारो     आप।।  

कर जोड़ू माँ करनला, सुकरत व्है मम काज ।।
 भगतां री सुण भावना, अरज करूँ म्हूँ आज।।  


 🙏माँगू सिंह बिशाला✍