आईये आज सगत लूँग माँ के दर्शन के साथ याद करते हैं वे दिव्य पल, के जब लूँग माँ धुपेड़ा में धूपिया रख कर माँ हिंगलाज का आव्हान करते थे और जोत में अग्नि अपने आप प्रज्वलित हो जाती थी ,और कभी देर हो जाती तो माँ किस तरह माँ हिंगलाज से बात किया करते और आव्हान करते थे और हर हाल में जोत प्रज्वलित होती और हम सभी दर्शन कर धन्य होते थे ।
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जय मां हिंगलाज |
हालो हालो हिंगलाज रे धाम, वलदरा गांम सती माता जोत करे...हालो...सती माता जोत करे।।
माँ तो खुद हिंगलाज रो रूप, आया सती रे सरूप
भगतों रा कष्ठ हरे , हालो हालो.....सती माता जोत करे
बैठा बीसहथी मढ़ मांय, वलदरा राय
दरस कियों भाग फरे, हालो....सती माता जोत करे ।।
माँ ने जय जोगमाया कहूँ जाय, लागू लूँगों पांय
चरण रज धारूँ सिर, हालो.....सती माता जोत करे।।
माँ तो धुपेड़ा में धूप ने लेय ,अगरबत्ती देय आसलअम्बा अरज करे, हालो..सती माता जोत करे।।
आवो आवो आवो माँ हिंगलाज ,भगत रे काज
आयों माँ काज सरे,हालो......सती माता जोत करे।।
आवो आवो आवो माँ हिंगलाज ,कोंई आयो काज
इत्ती कोईं जेज करे,हालो.....सती माता जोत करे।।
माता कठौडे तूँ अटकी आज, हुई क्यों नाराज
कोंई महासू भूल पड़े,हालो.....सती माता जोत करे।।
भूल म्होरी करिजो माफ ,माँ मौटा हो आप
छोरुडों ने माफ करे,हालो.....सती माता जोत करे।।
माता तूँ जो हेले नही आय , भगत कित जाय
आई थने आणो पड़े,हालो.....सती माता जोत करे।।
जागी जागी जगामग जोत , हरष हीये होत
भगत मन मोद भरे,हालो.....सती माता जोत करे।।
जय हो जय हो जय हो हिंगलाज भलों आयों आज
भगत जय जयकार करे,हालो...सती माता जोत करे।।
नीरज आढो नमावे माथ, रखो सिर हाथ
शरण लुंगों मात तेरे,हालो.....सती माता जोत करे।।
🚩🚩🚩🚩🙏जय जोगमाया री सा🙏🚩🚩🚩🚩
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