जय मां करणी
हे करूणा करणी...  यज्ञ, पुजा, अर्चन, किर्तन ने, 
 मारु जीवन हो बस,  बंदगी तगारी। 

 धरु ध्यान नीशदिन तमारु, 
समर्पित तमने जींदगी आ मारी।   

खोडल, करनल आइ मोगल मात,  
सुणजो मुज शीशु तणी, किलकारी प्यारी। 

  आध शकित छो, मात तमे तो, शाने ?
  देखो ना  धरार लचारी आ मारी।   

वडा वडेराओ ने आपे वरदान वडेरा, 
 मुज पर का ना रहेम तने, ओ दया करनारी।  

दान दशरथ वंदे करजोडी, हे करुणा करणी,  
करो कुर्पा, महेर, दया, अनूकंपा करनारी।  

 कवि - दशरथदान गढवी थराद