🚩✍ॐ करणी मंगलम ✍🚩
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आई श्री कंकु केशर माँ के चरणों मे,
कतिपय दोहे लिखने की कोशिश की है ।
गल्ती होना स्वाभाविक है अतः क्षमा करावे व भूल सुधार हेतु
सुझाव अवश्य देवे सा 🙏🚩🚩
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आई कंकु केशर माँ,करूणा मय अवतार ।
चारण वरण समाज मे,सहज हि करत सुधार ।।
चारण एक ही धारणा, चिंतन कर चितलाय ।
आई कंकु केशर माँ, गुण मुख कहा न जाय ।।
मानुष जाणे मै बङा, मुझ से बङा न कोय ।
बङा बङी के खेल मे, व्यर्थ हि जीवन खोय ।।
आई कंकु केशर माँ, कहे सुनो सब पात ।
चित मे धारो चारणों, आ उच्च कोटि जात ।।
भेदभाव मन से तजो, भजो मात हिंगलाज ।
कंकु माँ रो मान कह्यो, सब चारण सरताज ।।
शक्ति सुत सब चारणों, गौर करो मन माय ।
आदि भवानी अवतरे, कुळ चारण मे आय ।।
प्रगट भोम पर आविया, आई कंकु अवतार ।
भेद मिटावण भगवती, ले चारण री सार ।।
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साँवल दान देपावत
देशनोक 🙏🚩🚩
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