💐 *रघुनाथजीना रुदनमांं सूर प्रकृति पूराय छे* 💐
लायो हनुमंत लखनने घायल शक्ति शूळथी
गोरा रुपाळा अंगडा खरडेल लोही धूळथी
लइ उछंगे लबडताने ह्रदय पीगळी जाय छे
रघुनाथजीना रुदनमां सूर प्रकृति पूराय छे --१
समाचार सुमित्राने जडी आना जो जशे
कंपावे छे कल्पना एना ह्रदयमां शुं थशे
उर्मिला ओमे अरे क्यां अन्न पुरुं खाय छे
रघुनाथजीना रुदनमां सूर प्रकृति पूराय छे --२
रोयो नथी रण घेलूडो माया महीं मोह्यो नथी
जोयो हंमेशा जागतो सूतेल में जोयो नथी
अवदशा जोइ एमनी अति आतमो अकळाय छे
रघुनाथजीना रुदनमां सूर प्रकृति पूराय छे --३
रणभोम काळी रात सूनी दुश्मनोनो देश छे
आभ धरती बीच आजे एकलो अवधेश छे
करुणानिधि पर करुणताना वादळो घेराय छे
रघुनाथजीना रुदनमां सूर प्रकृति पूराय छे --४
वीले मोढे वांदरा सौ शोक आतुर सामने
भीतर रडे छे भोळुडा रडतो निहाळी रामने
अबोलानी आंंखडीमांं आंसुडा उभराय छे
रघुनाथजीना रुदनमां सूर प्रकृति पूराय छे --५
'जय जय' कहीने जेय उपर फूलडां वरसावता
आफत समयमां ए बधा ओरा नथी कोइ आवता
दु:ख देखीने देव सघळा दूर भागी जाय छे
रघुनाथजीना रुदनमां सूर प्रकृति पूराय छे --६
ईण वखत जायो अंजनीनो आभ चीरी आवीयो
आवी उगार्यो लखनने अद्भुत ओसड लावीयो
ऋणी रह्यो छे राम कायम गुण "माणेक" गाय छे
रघुनाथजीना रुदनमां सूर प्रकृति पूराय छे --७
💐 *रचना = चारणकवि श्री माणेक थार्या जसाणी* 💐
*झरपरा-कच्छ*
🌹 *टाइपिंग = राम बी गढवी* 🌹
*नविनाळ-कच्छ*
*फोन =7383523606*
👏🏻 *आ छंद काव्य विनोद नामनी बुकमांथी टाइप करेल छे भुलचुक सुधारने वांचवी* 👏🏻
💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐
Post by Samra Gadhvi
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