मेवाड़ी राणा सुणता ही जाज्यो सा

म्हारा किनियानी करतार
थारी महिमा अपरंपार
मेहाई म्हारै सागै रहीज्यो सा 
डाढ्याली चरणां शरणों दीज्यो सा 


करणी थारै प्रताप सैं, बीको राजा बण ज्याय
संवली हो मुल्तान जेल सूं शेखो ल्याय छुडाय
ओ पल में व्योम दियो मां नाप, थारो तीन लोक धणियाप
मैया दर्शन दीज्यो सा
डाढ्याली म्हारी अरजी सुणज्यो जी


गंग भूप जंग मांही जूझै,भूप रियो घबराय
सिंघ रूप धर पूगी सगती, काल बणी गरणाय
दीन्या बम गोला बरसाय, गौरा भाग्या जान बचाय
मैया अरजी सुणज्यो जी
मेहाई म्हानैं दर्शन दीज्यो जी


कूकर्मी कूकर्म करै जद, कूपथ ऊपर जाय 
पापी नैं सगती रै सामी, मौत खींच ले आय 
कान्हो करनल सै अडज्याय, माजी किरचा दिया खिंडाय, 
मैया अरजी सुणज्यो जी
किनियाणी म्हानैं दर्शन दीज्यो जी


सेवग रै हरदम हाजिर मां ममताली दुलराय
बिरदाली डाढ्याली मायड आधै हेलै आय
प्रांजल देवराज नित ध्याय, म्हानैं राखो चरणां मांय 
ओ मैया दर्शन दीज्यो सा
डाढ्याली म्हारी अरजी सुणज्यो सा
       

प्रहलाद सिंह कविया प्रांजल

Post by Samra Gadhvi