🙏🌹🌹🙏 *दोहें जगदम्बा के*🙏🌹🌹🙏


  आप पधारों आवडा, दुजों लिए अवतार।  
गान अब तोरे गाऊं,,करज्यों न इणकार।।१।।  

शक्ति हिगलाज सरूपा, सेवग विनय सवार। 
आज ही मात आवजों,,करज्यों न इणकार।। २।।  

सातूं बहना साथ में, पधारजों इण पार।  
दर्शन दिज्यों दाढाली,,करज्यों न इणकार।।३।।  

जगदंब बाट आपकी, जोऊं उर जयकार।  
मन निरालों मोगलां ,,करज्यों न इणकार।। ४।।  

प्रकटी मात प्रकारणी, प्रथम आओं पधार।  
मैं चारण पुत्र आपरों,,करज्यों न इणकार।।५।।  

जौगण तूं हाथ जोडूं,  किरथ मोरी उबार।  
 सोलह चौगुणी जौगणी,,करज्यों न इणकार।।६।।  

कोड मेट माँ करनला, सबुद्धि दिज्यों सार। 
हाथ जोड विनती हथूं,,करज्यों न इणकार।।७।।  

 भगत बाद भक्ति पैला, भक्ति मों दें उबार।  
करूं भक्ति माँ कालका,करज्यों न इणकार।।८।। 

 चण्डी काली चामंडी ,, तेज मों कलम तार। 
 ज्यों मैं तूं लिखूं विनती,,करज्यों न इणकार।।९।।

  डाढाली माँ डोकरी, खाऊं न कोंय खार।  
मन दिज्यों वात्सल्य माँ ,करज्यों न इणकार।।१०।। 

 शारदा माता साथ में, गहरों दिज्यों  सार। 
 लक्ष्मीजी विनती लिखूं ,,करज्यों न इणकार।।११।।  

 सेवग विनती सारणी, आप पधारों द्वार। 
 हैं मंगलकारणी अब ,,करज्यों न इणकार।।१२।। 

 सातम हैं शुकलात री, आवड जावें द्वार।  
नवमी मय घर आवडा,,करज्यों न इणकार।।१३।। 

 देवी दातार हों देवणी, दर्शन दों मय द्वार।  
मनडे इच्छा मावडी,,करज्यों न इणकार।।१४।।  

सगती माता सोनलां,पूरण सुणों पुकार।  
चिंता हर करों चाँदणी,,करज्यों न इणकार।।१५।। 

 कंकु माता सकारणी,सकल करों साकार।  
जननी मुराद थे जणौं,,करज्यों न इणकार।।१६।। 

 हरणी ह्रदय हरदम हरैं,करणी - करणी कार। 
आशा ओपत आपकी,सगती सुखमय सार।।१७।।

  हैं जगदंब नमन करूं, करूं न कोई रोर ।  
भक्ति दों मन में भंजणी,,दिज्यों ना दुख दौर।।१८।। 


 *रणजीत सिंह रणदेव चारण*  *मुण्डकोशियां, राजसमन्द*  *7300174927* (व्हाटसप पर जुडें)