🚩श्री करणी सोनल आदेश से🚩
Abcg महासभा (युवा)
*"याद हेमु आवशे "*
*हेमुदान गढ़वी हमारे समाज ही नहिं देश के ૈ थे.*
हेमु गढ़वी का जन्म 4 नव.1929 ढांकणिया सुरेन्द्रनगर में हुआ था. 11 वर्ष कि आयु में ही हेमुदान गढ़वी ने रंगभुमि मे अपनी प्रतिभा व कलाकारी दिखानी शुरू कर दि . राजकोट रेडियो कि स्थापना के बाद तो हेमु कि गायकी कि लोकप्रियता गांव गांव पहुच गई .कहा जाता है कि उनके राग व कंठ कि सुमधुर आवाज से पशु पक्षी भी ठहर जाते थे .हेमु गढ़वी गायकी संगीत ,नाट्य विधा में पारंगत थे उन्होने कई नाटको मे महिला किरदार भी प्ले किए थे.हेमु का जीवन कला व रंगमंच के लिए समर्पित था व उनका अन्तिम श्वास भी जन्माष्टमी ऑल ईण्डीया रेडीयो पर गांव के चौराहे पर राजपुती सनेड़ीयों महिलीओं के रास खेलते हुए कि ऑडीयो रिकार्डींग करते हुए निकला . उस वक्त वे ऑल ईण्डिया रेडियो मेम ऑन ड्युटि थे.हिन्दी सिनेमा तक उनकी प्रसिद्धी फैली थी.
देश के प्रसिद्ध फिल्म संगीतकार कल्याणजी आनंद के संगीत निर्देशन मे फिल्म " कसुंबी नो रंग' में गायन किया, ईससे प्रभावित होकर उन्हे कल्याण जी ने मुम्बई में हिन्दी फिल्मों मे गाने का आफर दिया पर उससे पुर्व हि हमारे समाज कि ईस महान विभुति को ईश्वर ने अपने पास बुला लिया .उनके नाम से महापालिका द्वारा.एक रोड़ का नामकरण किया गया व राज्य सरकार द्वारा राजकोट मे निर्मित एक भव्यतम ओडीटोरियम को उनका नाम दिया गया .1965 में उनको बेस्ट फिल्मि प्लेबेक सिंगर अवार्ड 1993 में पोश्थुमस गुजरात गौरव पुरस्कार सहित कई अन्य सम्मान प्राप्त किए.
.हेमु के अनगिनत गीत भजन आज भी ग्रामीण अंचल मे हर जुबान पर चाव से गाए जाते है
समाज को एकसूत्र में बांधने के प्रयास में हमसे जुड़े
👏चारणत्व एवं समाजोत्थानम संकल्पित,
युवा संगठन:🚩ABCG महासभा(युवा)।
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