🌷श्री कृष्णम् शरणम् ममः🌷
छंद घनाक्षरी
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मोद कर कहै मात, सुनो लाल मेरी बात,
काली अंधियारी रात, मैं तुं चल्यो आयो है।
खुल गये कारागार, सोय गये चौकीदार,
छाज मांही धार सिर, गोकुळ पठायो है।।
जमुना उठी उफान, दरस करै की ठान,
शेषनाग हरि मान, फन को उठायो है।
बृज में हुवै धमाल, जशोदा खिलावै लाल,
कंस हु को आयो काल, देवकी को जायो है।।
*घनश्याम सिंह किनियां कृत*
*चारणवास हुडील*
Post by - charan sahitya
आप सभी मित्रों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
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