Veer Ebhalvada
 एभल वन मा आवीयो , छोड्या हरण दोर
  माथे बोल्या मोर , भरपुर वरस्यो भूपता ! 

 एभल घेराणो उंघ मा , माँ भवानी वचमाय 
 चारण नेहडे सांई , भान मा लावे भूपता !  

शंका करे चारण , काळु तेदी मनमाय  
कह्यु न मान्यो कांय , (ए) भगवती नु भूपता !  

काळु न माने कहेण , चेतवे चारणी सांई  
कोढ नीकळ्या कांय , भभुके अंग भूपता !  

लोये वीर ना नवराववा , आवी छे सांई आज
  एभले वचन ने काज , भांडरु वधेर्यु भूपता ! 

 सांई ने प्रगट्या सत , जगदंबा वेश धर्यो  
अणा ने सजीवन कर्यो , भगवतीये पछी भूपता !  

रचना आहिर भूपत भाई जळु   https://www.facebook.com/bhupatyy  गाम नवागाम (सरधार) तालुको राजकोट   📞 80000 55255 📞  ફોટો_કાલ્પનિક  નોંઘ - રચના ને કોપી કરતી વખતે કોઈ પણ પ્રકાર ની રચના  મા છેડછાડ ન કરવી.  History Of Kathiyawad Page team