ए जाणवा जोवा तणी,दिल झंखना खटकी रही ब्रह्मांडने भटकी रही,अंते मति अटकी रही 

 

 आकाशना घडनारनां घरने घड्या कोणे हशे..? 

आकाशनी माता तणा,कोठा कहो केवडा हशे..? 

अध रेचके प्रलयो गया,पूरके लयो केटला हशे..?

 अबधुत ए योगी तणां,आसन अखंडीत क्यां हशे..? 

ए जाणवा जोवा तणी...  

 

बे बे मशालो बाळतो,वळी वाळतो जोतो हशे..? 

संभाळतो अंजवाळतो,उभो मशाली क्यां हशे..?

 दरिया तणो क्यारो कर्यो,एनो कुवो केवडो हशे..?

 ए कोसनो हाकणहार,खेडुत उभो क्यां हशे..?

 ए जाणवा जोवा तणी...  

 

धरणी तणो पिंडो कर्यो,रज लावतो क्यांथी हशे..? 

जग-चाक फेरणहार,ए कुंभार बेठो क्यां हशे..? 

काळी काळी वादळीओ तणो,गोवाळ शुं काळो हशे..? 

विण आंचळे आकाशनो दोहनार उभो क्यां हशे..? 

ए जाणवा जोवा तणी... 

 

 पोते बनाव्यो पाशलो,बीजा बधा आवि फसे..? 

पोते फस्यो नीज पाशमां, ए तो मूरख केवडो हशे..?

 कर ताल ताळी दइ जतो,हैया विषे हसतो हशे..? 

बांधे घणा छटकी जतो,ए तो चतुर केवो हशे..? 

ए जाणवा जोवा तणी...  

 

आकाशने अंधकार,विंटणहार जोतो शुं हशे..? 

अंधकारनी माता तणे,अंग ओढणा केवां हशे..? 

अमृत तणा बापु तणा,मुखडा केवा मीठा हशे..? 

विष-वारुणी जणनारीना, पय हा केवां कडवा हशे..? 

ए जाणवा जोवा तणी... 

 

 जन्मो जीवन वैभवतणा,पुष्पोनी कर माळा वसे

 शृंगार सरजनहार ए,वनमाळी हरी केवो हशे..? 

पळ कल्प धागो काळना,मस्तक तणा मणका दिसे

 ए माळ धारणहार हा, अघोरी केवो विकराळ हशे..?

 ए जाणवा जोवा तणी... 

 

 भव चोरसे बुट्टा भर्या, क्यारे कीनारी छापशे..?

 बीबां घरे केटला हशे ? रंगरेज ए केवो हशे..? 

छेतरे नहीं छेतराय ना,अबजोनो आडतीयो दिसे 

सौना हिसाबो चुकवे ए, शेठीयो केवो हशे..?

 ए जाणवा जोवा तणी...  

 

कहे "काग" सर्जक सर्पनो,केवो कठीन झेरी हशे..?

पवने सुगंध प्रसरावतो,केवो लाडीलो ल्हेरी हशे..?

 पशुपंखी ने कणनो पिता,परमारथी केवो हशे..?

 एक मानवी घडनार,ए प्रभु स्वार्थी केवो हशे..? 

ए जाणवा जोवा तणी...    

 

💐 *रचना - चारणकवि पद्मश्री कागबापु* 💐   🌹 *टाइपिंग - राम बी गढवी* 🌹 *नविनाळ - कच्छ* *फोन नं. 7383523606*   👏🏻 *भुलचुक सुधारीने वांचवी* 👏🏻   💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐