🌹 *ढाळ=माडी हुं तो एटलुं मांगा* 🌹  

 सोनल मा साबदी थाजे,बुढी तारा बाळने काजे (टेक)  
जुग चोथानी जोगणी मा हवे,सुणजे मारो साद (२) 
ए... मान सोता अमे रहीये मलकमां,आइ राखो आबाद
 सोनल मा साबदी थाजे.... (टेक)  

साद सुणी जट ध्रोडजे अंबा,राखवा अमणी लाज (२)
 ए... सहु चारण तुने मावडी माने,शिर तणो सरताज 
सोनल मा साबदी थाजे.... (टेक)  

होय हजारो बाळना गुना,मावडी करजे माफ (२) 
ए... जेवी जेनी होय नियत एवो,आइ करे इन्साफ 
सोनल मा साबदी थाजे... (टेक) 

 जीवीए त्या लग जगमा माडी,अदका देजो मान (२) 
ए.... चुकीए ना कदी सतनो चीलो,एवी भगवती देजो भान 
सोनल मा साबदी थाजे (टेक)  

नावडु नानु दरियो मोटो,वळी लोढ तणो नहि पार (२) 
ए.... ओवाळे उछळता पेला,समरथ ल्यो संभाळ 
सोनल मा साबदी थाजे (टेक) 

 साद सुणी "दिलजीत" नो माडी,करणी देजे कान (२) 
ए.... मढडावाळी मावडी धरजे,आ अरजी उपर ध्यान  
सोनल मा साबदी थाजे (टेक)    

💐 *रचना=चारणकवि श्री दिलजीतदान बाटी* 💐   
🌹 *टाइपिंग=राम बी. गढवी*🌹 *नविनाळ=कच्छ* *फोन=7383523606*   🙏🏻 

*आ रचना चारण भाइ श्री प्रवीणभा मधुडा द्वारा संपादित "चरज थी अरज भाग=३" नामनी बुकमाथी टाइप छे भुलचुक सुधारीने वांचवी* 🙏🏻   
 💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐